Add To collaction

पल दो पल हम करीब बैठें

आज दिनांक ३०.५.२४ को प्रदत्त स्वैच्छिक विषय पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति 

पल दो पल हम करीब बैठें:-
--------------------------------------------

आओ साजन दौड़ के, पल दो पल हम करीब बैठें।
अब के बिछुड़े हम कब मिलें,,जानेगा कोई कैसे।।

मिलना-जुलना तो सदा, है ईश्वर के हाथ ।
कृपा न हो यदि ईश की, हो न सकेगा साथ ।।

मैं तो सर्वदा ईश की , विनती करती हूॅं रोज ।
एक दुआ माॅंगू यही , हर ले अब मेरा सोज ।

अब जो मिले हो सजन, जाने न दूंगी तुझको  ।
जी भर प्यार करूॅं और , आंचल मे छुपा लूं  तुझको ।।

ईश्वर ही जाने कब मिलना होगा, आज विरह के बाद ।
घबरा जाती हूॅं यही सोच कर ,बस तेरी बात रहेगी याद ।।
 आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़

   4
4 Comments

Gunjan Kamal

03-Jun-2024 01:24 PM

👏🏻👌🏻

Reply

Sarita Shrivastava "Shri"

01-Jun-2024 10:31 PM

👍👍

Reply

Aliya khan

01-Jun-2024 07:52 PM

Nice

Reply